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राजस्थान जिला दर्शन : 'प्रतापगढ़ जिला दर्शन'
प्रतापगढ़ नगर को 1699 ईस्वी में महारावल प्रतापसिंह ने बसाया था। प्रतापगढ़ जिला राजस्थान का नवीनतम 33 वां जिला है। इसका गठन 26 जनवरी 2008 को किया गया था । प्रतापगढ़ का क्षेत्र कांठल कहलाता हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात यह एक स्वतंत्र जिला बना था परंतु 1952 में जिलों के पुनर्गठन के बाद इसे चित्तौड़गढ़ जिले में शामिल कर दिया गया। जो 26 जनवरी 2008 को पुन: स्वतंत्र जिला बना। प्रतापगढ़ जिले के 5 उपखंड तथा 5 तहसीलें हैं।
प्रतापगढ़ के 5 उपखंड निम्न प्रकार है :- प्रतापगढ़, अरनोद, छोटी सादड़ी, धरियावद ,पीपलखूंट।
प्रतापगढ़ की तहसील है निम्न प्रकार बनाई गई है:- - धरियावद तहसील - उदयपुर जिले से।
- प्रतापगढ़ - चित्तौड़गढ़ जिले से।
- छोटी सादड़ी - चित्तौड़गढ़ जिले से।
- अरनोद - चित्तौड़गढ़ जिले से।
- पीपलखूंट - बांसवाड़ा जिले से।
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Pratapgarh Jila Darshan |
प्रतापगढ़ जिले का सामान्य परिचय
- प्रतापगढ़ जिले की स्थिति : 24 डिग्री 3 मिनट उत्तरी अक्षांश एवं 74 डिग्री 78 मिनट पूर्वी देशांतर।
- प्रतापगढ़ जिले का क्षेत्रफल : 411.36 वर्ग किलोमीटर।
- प्रतापगढ़ जिले की समुद्र तल से औसत ऊंचाई 5180 मीटर है।
- प्रतापगढ़ जिला मालवा, वागड़ और मेवाड़ की सीमा के मध्य स्थित है। इसके उत्तर में चित्तौड़गढ़ जिला, पश्चिम में उदयपुर जिला और बांसवाड़ा जिला, दक्षिण में मध्यप्रदेश के रतलाम और जावरा जिले तथा पूर्व में मध्यप्रदेश का मंदसौर जिला स्थित है।
प्रतापगढ़ जिले के प्रमुख मेले और त्यौहार
- भंवर माता का मेला - यह मेला प्रतापगढ़ जिले की छोटी सादड़ी तहसील में प्रतिवर्ष चैत्र और आश्विन के नवरात्रों में भरता है।
- गौतमेश्वर महादेव का मेला - यह मेला प्रतापगढ़ की अरनोद तहसील में प्रतिवर्ष वैशाख पूर्णिमा से 2 दिन तक लगता है। यहां गौतम ऋषि का स्थान था। गौतमेश्वर आदिवासी भीलों के आराध्य देव है।
- दीपनाथ महादेव का मेला - दीप नाथ महादेव के मंदिर का निर्माण महारावत सामंतसिंह के कुंवर दीपसिंह ने करवाया था। इस मंदिर में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है।
- सीता माता का मेला - तीर्थ स्थल सीतामाता में यह मेला प्रतिवर्ष जेष्ठ अमावस्या को लगता है। भगवान राम के पुत्र लव कुश का जन्म यहीं पर हुआ था। यहां पर लव कुश कुंड एवं बाल्मीकि आश्रम भी स्थित है।
सीतामाता वन्य जीव अभ्यारण्य-प्रतापगढ़
सीतामाता वन्य जीव अभ्यारण्य - सर्वाधिक जैव विविधता वाले इस अभयारण्य को चीतल/चौसिंगे (यह एंटीलॉग प्रजाति का दुर्लभ जीव है स्थानीय भाषा में भेंडल कहते हैं) की शरण स्थली/मातृभूमि व उड़न गिलहरियाे का स्वर्ग के नाम से जाना जाता है। सर्वाधिक सागवान के वन (एक मात्र इसी अभयारण्य में), उड़न गिलहरी (साधारणतया महुआ के पेड़ पर रहती है तथा इसे देखने का अच्छा समय सूर्य के छिपने के बाद हैं। स्थानीय नाम आशोवा है। ), वन औषधियां (हिमालय के बाद सर्वाधिक), पैंगोलिन मिलते हैं। इसमें सीता माता मंदिर, लव कुश नामक दो जल स्रोत है। यहां से करमोई व जाखम नदी का उद्गम होता है। यह अभ्यारण्य अरावली व विंध्याचल पर्वतमाला तथा मालवा के पठार के संगम स्थल पर है।प्रतापगढ़ जिले के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न/तथ्य
- प्रतापगढ़ जिले की नदियां - प्रतापगढ़ जिले में माही नदी, जाखम नदी, इरु नदी, रेतम नदी आदि नदियां बहती है।
- प्रतापगढ़ जिले में मिट्टी - प्रतापगढ़ जिले में काली, भूरी और धामनी प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। मगरा क्षेत्र की भूमि कंकरीली है।
- प्रतापगढ़ में परिवहन - प्रतापगढ़ जिले से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 113 गुजरता है।
- पवन ऊर्जा परियोजना - प्रतापगढ़ के देवगढ़ (देवलिया) में राजस्थान की दूसरी पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना 6 मार्च 2001 को की गई थी।
- जाखम बांध - यह अनुपपुरा गांव के पास राज्य का सबसे ऊँचा (81 मीटर) बांध है।
- थेवा कला - रंगीन कांच पर सोने का सूक्ष्म चित्रांकन एवं नक्काशी।
- देवलिया के महारावत तेजसिंह ने देवलिया में तेजसागर तालाब बनवाया।
- भंवरमाता का मंदिर - यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले की छोटी सादड़ी तहसील में स्थित है।
- गोमतेश्वर मंदिर - यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले की अरनोद तहसील में स्थित है।
- काकाजी पीर की दरगाह - इसे कांठल का ताजमहल कहते है। यह प्रतापगढ़ जिले में स्थित है।
- प्रतापगढ़ के रियासत कालीन सिक्के - सलीमशाही सिक्के, आलमशाही सिक्के आदि।
- प्रतापगढ़ प्रजामण्डल - प्रतापगढ़ प्रजामण्डल की स्थापना 1945 ईस्वी में अमृतलाल पाठक एवं चुन्नी लाल द्वारा की गयी थी।
- राजस्थान में दूसरा परमाणु ऊर्जा संयंत्र 'देवगढ़' (प्रतापगढ़) में है।
आज के इस पोस्ट में हमने "राजस्थान के जिला दर्शन" की श्रृंखला में "प्रतापगढ़ जिला दर्शन" को पूरी तरह से कवर करने की पूरी कोशिश की हैं। इसमें प्रतापगढ़ का सामान्य परिचय, प्रतापगढ़ के उपनाम, प्रतापगढ़ का क्षेत्रफल, प्रतापगढ़ की मानचित्र में स्थिति, प्रतापगढ़ में विधानसभा क्षेत्र, प्रतापगढ़ के मेले, प्रतापगढ़ के प्रमुख मंदिर,प्रतापगढ़ के पर्यटन स्थल एवं इसके अलावा जितने भी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न बन सकते थे, उन सभी को शामिल कर पेश किया गया है। मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सभी पाठकों को मेरी यह पोस्ट पसंद आयी होगी। आप सभी को यह पोस्ट कैसी लगी आप मुझे कमेंट करके जरूर बताएं।
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