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होली पर निबंध : प्रस्तावना, होली क्यों और कैसे मनाई जाती है, उपसंहार।

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होली पर निबंध - प्रस्तावना (Introduction)

भारत त्यौहारों का देश है यही कारण है कि यहाँ हर दिन एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। भारत का होली का त्योहार विश्व प्रसिद्ध है। होली का त्योहार हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है। इस त्योहार को रंगो के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में प्रसिद्ध है।
सभी वर्गों के लोग इस त्योहार को मनाते हैं। वर्तमान में, अन्य धर्मों के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाने लगे हैं। प्रकृति भी इस त्योहार में एक तरह से शामिल है। चारों ओर रंग-बिरंगे फूल बिखेरने से वसंत खुशी लाता है।

होली कब मनाई जाती है?

मंजीरा, ढोलक, मृदंग की ध्वनि से गूंजता रंगों से भरा होली का त्योहार, फाल्गुन माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है। मार्च का महिना जैसे होली के उत्तेजना को बढ़ा देता है। होली का त्यौहार हर साल लगभग मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार फाल्गुन महीने में मनाने की प्रथा है। यह त्योहार मुख्य रूप से दो दिनों का होता है। जिसमें होली दहन पहले दिन किया जाता है, जिसमें होलिका दहन में लाठी और गोबर के कंडे मिलाकर किया जाता है। होली के दूसरे दिन को धुलंडी कहा जाता है। जिसमें सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं। इस दिन भारत में लोग किसी जाति को नहीं देखते हैं। सभी एक-दूसरे को गले लगाते हैं और बड़े ही धूमधाम से होली मनाते हैं।

होली कैसे मनाई जाती है?

हर कोई होली पर बहुत उत्साहित हो जाता है। बड़े बच्चे भी बच्चे बन जाते हैं; हम अपनी उम्र के चेहरे को इस तरह चित्रित करते हैं कि उसे पहचानना मुश्किल हो जाता है, जबकि बुजुर्ग से आशीर्वाद लेते हैं। अमीर और गरीब, ऊंच-नीच के भेद को भूलकर हर कोई होली की मस्ती में झूमता नजर आता है। घर की महिलाएं सभी पकवान बनाती हैं और दोपहर से होली खेलना शुरू कर देती हैं, जबकि बच्चे सुबह उठते हैं और उत्साह के साथ मैदान में आते हैं।

होली के त्यौहार का महत्व क्या है?

होली के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए लोगों को इस त्यौहार से शिक्षा मिलती है कि चाहे झूठ कितना भी बड़ा क्यों ना हो, हमेशा अच्छाई की जीत होती है इसलिए वह हमेशा अच्छे रास्ते को ही अपनाए। होली एक सौहार्दपूर्ण त्योहार है। जिसमें लोग सदियों पुरानी प्रतिद्वंद्विता, लड़ाई, झगड़ा भूल जाते और एक-दूसरे को गले लगाते हैं, इसीलिए इस त्योहार को दोस्ती का प्रतीक भी कहा गया है। इस दिन, कोई भी समाज में कुछ भी उच्च नहीं देखता है। सभी लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं और होली का त्योहार मनाते हैं। यह समाज में ऊँची खाई को कम करता है, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी है।

भारत की विभिन्न प्रसिद्ध होलियाँ

  • बरसाना की लट्ठमार होली
  • बिहार में फागुवा होली
  • हरियाणा की धूलेंडी होली
  • बंगाल में डोल पूर्णिमा
  • पंजाब में होला मोहल्ला का मेला
  • महाराष्ट्र में रंगपंचमी
  • मध्यप्रदेश की भगौरिया होली
  • राजस्थान में तमाशा होली
  • गुजरात में होली

रंगों का त्यौहार होली : उपसंहार (conclusion)

होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार से सीख लेते हुए हमें अपनी बुराइयों को छोड़ना चाहिए और अच्छाई को अपनाना चाहिए। इस त्योहार से सीखे जाने वाला एक और सबक यह है कि हमें कभी अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार हमारी सोचने की शक्ति को कम कर देता है।
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