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बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली राजस्थान की नदियाँ | Details of the Rivers that falls in Bay of Bengal

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आज की इस पोस्ट में आप सभी प्रिय पाठकों के लिए राजस्थान की प्रमुख नदियों का 'बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र' से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गयी है। Bangal Ki khadi me girne wali rajasthan ki nadiya, bangal ki khadi in Hindi, Bangal ki khadi ka apwah tantra.
              इस पोस्ट में चम्बल नदी का उद्गम, चम्बल नदी के उपनाम, चम्बल नदी की सहायक नदियां, चम्बल नदी का बहाव क्षेत्र, चम्बल नदी बेसिन, चम्बल नदी उपबेसिन, चम्बल नदी की लम्बाई, कुन्नू नदी का उद्गम, कुन्नू नदी का बहाव क्षेत्र, पार्वती नदी का उद्गम स्थल, पार्वती नदी का बहाव क्षेत्र, कालीसिंध नदी का उद्गम, कालीसिंध नदी का बहाव क्षेत्र, कुराल नदी का उद्गम, कुराल नदी का बहाव क्षेत्र, आहु नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, परवन नदी का उद्गम, परवान नदी की सहायक नदियां, परवन नदी का बहाव क्षेत्र, मासी नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, मेज नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, गम्भीरी नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, बनास नदी बेसिन, बनास नदी का उद्गम स्थल, बनास नदी के उपनाम, बनास नदी की सहायक नदियां, बनास नदी का बहाव क्षेत्र, बनास नदी के महत्वपूर्ण तथ्य, कोठारी नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, मोरेल नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, खारी नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, बेड़च नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, बेड़च नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र, कालीसिल नदी का उद्गम एवं बहाव क्षेत्र आदि को शामिल किया गया है। 
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बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ

बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र

बंगाल की खाड़ी की ओर जल ले जाने वाली नदियों में राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण व सदा बहने वाली नदी चंबल नदी है। यह मध्य प्रदेश से निकलकर राजस्थान की दक्षिणी-पूर्वी भाग में होती हुई प्रवाहित होती है। यहां पर यह नदी पथरीले पेटे से होकर बहती है। चंबल नदी के अलावा बंगाल की खाड़ी के अपवाह तंत्र से जुड़ी हुई इसकी सहायक नदियां - कालीसिंध, पार्वती, बनास, कुराल, परवन, आह, मेज, आलनिया, चाकन, आदि है। इस प्रकार यह दक्षिणी-पूर्वी भाग राजस्थान में सदा प्रवाहित होने वाली नदियों की ओर से महत्वपूर्ण है। 

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ


(1). चंबल नदी (Chambal River)
  • चंबल नदी का उद्गम स्थल - चंबल नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के महू के निकट जानापाव पहाड़ी से होता है। 
  • चंबल नदी के उपनाम - चंबल नदी को राजस्थान की कामधेनु, बारहमासी नदी, चर्मण्वती नदी, नित्यवाही नदी आदि उपनामों से जाना जाता है। 
  • चंबल नदी का बहाव क्षेत्र - चंबल नदी अपने उद्गम स्थल जानापाव पहाड़ी से 320 किलोमीटर उत्तर में बहने के बाद मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील के चौरासीगढ़ के निकट से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की भैंसरोडगढ़ तहसील से राजस्थान में प्रवेश करती है तथा यह नदी राजस्थान के दक्षिणी पूर्वी भाग चित्तौड़गढ़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली तथा धौलपुर में बहती हुई उत्तर प्रदेश के अंदर यमुना नदी में मिल जाती है। उत्तरप्रदेश के इटावा जिले के मुरादगंज के पास चंबल नदी में मिलने से पहले यह राजस्थान के सवाईमाधोपुर से धौलपुर जिले तक राजस्थान एवं मध्य प्रदेश राज्यों की अंतर्राज्यीय सीमा बनाती है। 
  • चंबल नदी की कुल लंबाई - चंबल नदी की कुल लंबाई 1051 किलोमीटर है। चंबल नदी मध्य प्रदेश में 320 किलोमीटर बहती हैं तथा यह राजस्थान में 322 किलोमीटर बहती है। चंबल नदी द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश राज्यों की अंतर्राज्यीय सीमा 252 किलोमीटर बनती है तथा यह उत्तर प्रदेश में 157 किलोमीटर बहती हुई इटावा जिले के मुरादगंज के पास यमुना नदी में मिल जाती है। 
  • चंबल नदी के बहाव वाले राज्य - चंबल नदी मध्य प्रदेश, राजस्थान, तथा उत्तर प्रदेश राज्य में बहती है। 
  • चंबल नदी की प्रमुख सहायक नदियां - मध्यप्रदेश में मिलने वाली सहायक नदियां - सीवान, रेतम तथा शिप्रा नदियां। राजस्थान में मिलने वाली नदियां - आलनिया नदी, बनास नदी, पार्वती नदी, परवन नदी, कालीसिंध नदी, कुराल नदी, बामनी नदी, छोटी काली सिंध नदी , मेज नदी, सीप नदी आदि। चम्बल नदी की सहायक नदियों को याद करने की Short Trick यहां पढ़ें। 
  • चंबल नदी पर बने बांध - चंबल नदी पर राजस्थान में मुख्य रूप से तीन बांध बने हुए हैं। यह विश्व की एकमात्र ऐसी नदी है, जिसके 100 किलोमीटर के दायरे में 3 बांध बने हुए हैं तथा तीनों परी जल विद्युत उत्पादन किया जाता है। राजस्थान में चंबल नदी पर बने बांधों के नाम निम्न प्रकार है - राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध तथा कोटा बैराज बांध। चंबल नदी पर एक अन्य बांध गांधी सागर बांध स्थित है, जो कि मध्यप्रदेश राज्य में बना हुआ है। 
  • चंबल नदी के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न - चंबल नदी पर चित्तौड़गढ़ जिले के भैंसरोड़गढ़ के निकट चूलिया जलप्रपात स्थित है। यहां पर चम्बल लगभग 60 फीट ऊंचाई से गिरती है। यहीं पर भैंसरोडगढ़ के निकट चंबल नदी में बामनी नदी आकर मिलती है। अलीनिया सिंचाई परियोजना चंबल नदी के किनारे स्थित है। सावन-भादो सिंचाई परियोजना कोटा जिले में चंबल नदी पर स्थित है। चंबल नदी राजस्थान की सर्वाधिक मात्रा में सतही जल वाली नदी है। राजस्थान में सर्वाधिक अवनालिका अपरदन चंबल नदी से होता है। राजस्थान में चंबल बेसिन क्षेत्र उत्खात स्थलाकृति के लिए प्रसिद्ध है। चंबल नदी का बहाव दक्षिण से उत्तर की ओर होता है तथा इसका प्रवाह प्रणाली वृक्षाकार है। चंबल नदी राजस्थान की बहाव क्षेत्र की दृष्टि से सबसे लंबी नदी है। 

(2). कुन्नू नदी (Kunnu River)
  • कुन्नू नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के गुना से होता है तथा यह राजस्थान के बारां जिले के मुसेरी गांव से राजस्थान में प्रवेश करती है। 
  • यह नदी राजस्थान में प्रवेश करने से पहले मध्य प्रदेश में 48 किलोमीटर बहती है। 
  • यह नदी बारां जिले से पुन: मध्यप्रदेश में प्रवेश करती है और 24 किलोमीटर बहने के बाद यह कोटा के गोवर्धनपुरा गांव में चंबल नदी में मिल जाती है। 

(3). कालीसिंध नदी ( Kalisindh River )
  • कालीसिंध नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के देवास के निकट बागली गांव की पहाड़ियों से होता है तथा यह कालीसिंध नदी राजस्थान के झालावाड़ जिले में रायपुर के निकट बिंदा गांव में राजस्थान में प्रवेश करती है। 
  • कालीसिंध नदी राजस्थान में 145 किलोमीटर बहती है। 
  • कालीसिंध नदी की प्रमुख सहायक नदियां - आहू नदी, चोली नदी, परवन नदी, उजाड़ नदी, आमझर नदी आदि। 

(4). पार्वती नदी ( Parvati River )
  • पार्वती नदी का उद्गम मध्य प्रदेश राज्य में विंध्य पर्वत श्रेणी में सेहोर क्षेत्र से होता है। सेहोर क्षेत्र से निकलने के बाद पार्वती नदी राजस्थान के बारां जिले के करयाहाट के पास छतरपुरा गांव से राजस्थान में प्रवेश करती है तथा यह बारां एवं कोटा में बहकर सवाई माधोपुर तथा कोटा की सीमा पर पाली गांव के पास चंबल नदी में मिल जाती है। 
  • पार्वती नदी की सहायक नदियां - लासी नदी, बैथली नदी, बरनी नदी , अंधेरी नदी, अहेरी नदी, रेतड़ी नदी, बनास नदी आदि। 

(5). कुराल नदी ( Kural River )
  • कुराल नदी ऊपर माल के पठार से निकलती हुई बूंदी जिले के पूर्व में बहती हुई चंबल नदी में मिल जाती है। 

(6). परवन नदी ( Parwan River )
  • परवन नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के मालवा के पठार से होता है तथा यह राजस्थान में खरी बोर गांव (झालावाड़) से प्रवेश करती है .
  • यह रामगढ़ कोटा में कालीसिंध नदी में मिल जाती है .
  • इसी नदी पर बारां जिले में परवन परियोजना शुरू की गई। 
  • परवन नदी की सहायक नदियां - उजाड़ नदी, निवाज नदी, घार  नदी,छापी नदी, घोड़ापछाड़ नदी आदि। 

(7). आहू नदी ( Aahu River )
  • आहू नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के सुसनेर के निकट से होता है तथा यह राजस्थान के झालावाड़ जिले के नंदपुर गांव से राजस्थान में प्रवेश करती है। आहू नदी कोटा एवं झालावाड़ जिलों की सीमा पर बहती हुई गागरोन किले के पास झालावाड़ में कालीसिंध नदी में मिल जाती है। झालावाड़ जिले में गागरोन का किला आहू एवं कालीसिंध नदियों के संगम पर स्थित है। 

(8). मेज नदी ( Mej River )
  • मेज नदी का उद्गम भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ तहसील में बिजोलिया नामक स्थान से होता है। मांडलगढ़ तहसील से निकलकर मेज नदी राजस्थान के बूंदी जिले में बहती हुई कोटा जिले के भैंस खाना के पास बूंदी जिले की सीमा पर चंबल नदी में मिल जाती है। 
  • मेज नदी की प्रमुख सहायक नदियां - कुराल नदी, बाजन नदी, मांगली नदी आदि। 

(9). गंभीरी नदी ( Gambhiri River )
  • गंभीरी नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के जावद गांव से होता है। 
  • गंभीरी नदी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के निकट बेड़च नदी में मिल जाती है। 

(10). आलनिया नदी ( Alaniya River )
  • यह नदी कोटा जिले में मुकुंदवाड़ा की पहाड़ियों से निकल कर नोटाना गांव में चंबल नदी में मिल जाती है। 

(11). बनास नदी ( Banas River )
  • बनास नदी का उद्गम स्थल - बनास नदी का उद्गम राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ के निकट खमनोर की पहाड़ियां से होता है। 
  • बनास नदी के उपनाम - वन की आशा, वशिष्टि नदी, वर्णाशा  नदी आदि। 
  • बनास नदी का बहाव क्षेत्र - बनास नदी राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ के दक्षिण में गोगुंदा के पठार से होकर चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, अजमेर एवं टोंक जिलों में बहकर सवाई माधोपुर की खंडार तहसील में रामेश्वर धाम में चंबल नदी में मिल जाती है। 
  • बनास नदी पर तीन त्रिवेणी संगम - चंबल नदी पर तीन त्रिवेणी संगम स्थित है, जिनके नाम निम्न प्रकार है - 1. रामेश्वरम त्रिवेणी संगम - सवाई माधोपुर जिले के रामेश्वरम में चंबल नदी, बनास नदी एवं सीप नदियां आकर मिलती है। 2. बीगोद त्रिवेणी संगम - भीलवाड़ा जिले के बीगोद में मेनाल नदी, बनास नदी एवं बेड़च नदिया आकर मिलती है। 3. बीसलपुर त्रिवेणी संगम - टोंक जिले के देवली के निकट बीसलपुर में डाई नदी, खारी नदी एवं बनास नदियां आकर मिलती है। 
  • बनास नदी की प्रमुख सहायक नदियां - बेडच नदी, मेनाल नदी, मानसी नदी, कोठारी नदी, खारी नदी, मोरेल नदी, कालीसिल नदी , ढील नदी, डाई नदी, सोहदरा नदी आदि। 
  • बनास नदी से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य - बीसलपुर बांध टोंक जिले में टोडारायसिंह के पास बीसलपुरा गांव में बनास नदी पर स्थित है। बनास नदी राजस्थान में पूर्ण बहाव की दृष्टि से सबसे लंबी नदी है। बनास नदी की कुल लंबाई 512 किलोमीटर है तथा इस नदी का जल ग्रहण क्षेत्रफल सर्वाधिक है। झाडोल सिंचाई परियोजना राजस्थान ने बनास नदी पर स्थित है। 

(12). कोठारी नदी ( Kothari River )
  • कोठारी नदी का उद्गम राजसमंद जिले के दिवेर की पहाड़ियों से होता है .कोठारी नदी राजसमंद एवं भीलवाड़ा जिलों में बहकर भीलवाड़ा के नंदराय के निकट बनास नदी में मिल जाती है। 
  • भीलवाड़ा जिले को जलापूर्ति के लिए भीलवाड़ा जिले में कोठारी नदी पर मेजा बांध बनाया गया है। 

(13). बेड़च नदी/आयड़ नदी ( Bedach River )
  • बेडच नदी का उद्गम उदयपुर जिले के उत्तर में गोगुंदा की पहाड़ी से होता है। बेडच नदी उदयपुर, चित्तौड़गढ़ जिलों में बहती हुई भीलवाड़ा में मांडलगढ़ तहसील में बीगोद के निकट बनास नदी में मिल जाती है तथा वहां पर त्रिवेणी संगम बीगोद का निर्माण करती है। 
  • बेड़च नदी को उदयसागर झील से पहले आयड़ नदी के नाम से पुकारा जाता है। बेड़च नदी को उदयसागर झील के बाद में बेड़च नदी के नाम से पुकारा जाता है। 
  • इस नदी के किनारे आहड़ सभ्यता विकसित हुई है। 
  • बेड़च नदी की कुल लंबाई 157 किलोमीटर है। 

(14). खारी नदी ( Khari River )
  • खारी नदी का उद्गम राजसमंद जिले में देवगढ़ तहसील के निकट बिजराल गांव की पहाड़ियों से होता है। 
  • खारी नदी राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर तथा टोंक जिलों से होकर बहती हुई टोंक जिले के देवली के निकट बनास नदी में मिल जाती है। 

(15). मानसी नदी ( Mansi River )
  • मानसी नदी का उद्गम भीलवाड़ा जिले के करणगढ़ के निकट से होता है तथा यह अजमेर जिले की सीमा पर खारी नदी में मिल जाती है। 

(16). मोरेल नदी ( Morel River )
  • मोरेल नदी का उद्गम - मोरेल नदी का उद्गम जयपुर जिले की बस्सी तहसील के धारला एवं चैनपुरा गांव की पहाड़ियों से होता है। 
  • मोरेल नदी का बहाव क्षेत्र - जयपुर से निकलने के बाद मोरेल नदी दोसा एवं सवाई माधोपुर जिलों से होकर बहती हुई करौली के हाडोती गांव के निकट बनास नदी में मिल जाती है। 
  • मोरेल नदी पर दोसा एवं सवाई माधोपुर जिलों की सीमा पर मोरेल बांध बनाया गया है। 

(17). कालीसिल नदी ( Kalisil River )
  • कालीसिल नदी का उद्गम सवाई माधोपुर जिले के राजपुरा गांव से होता है। बाद में यह मोरेल नदी के साथ में मिलकर बनास नदी में मिल जाती है। 

(18). वापनी नदी ( Vapni River )
  • वापनी नदी का उद्गम चित्तौड़गढ़ जिले में हरिपुरा गांव के निकट से होता है तथा यह भैंसरोडगढ़ के पास चंबल नदी में मिल जाती है।

(19). डाई नदी ( Dai River )
  • डाई नदी का उद्गम अजमेर जिले के नसीराबाद तहसील में अरावली पहाड़ियों से होता है तथा यहां से बहती हुई अजमेर एवं टोंक जिलों में बहकर बीसलपुर के निकट बनास नदी में मिल जाती है। 

(20). ढील नदी ( Dheel River )
  • ढील नदी का उद्ग टोंक जिले के बावड़ी गांव से होता है तथा यहां से बहती हुई यह सवाई माधोपुर जिले में बनास नदी में मिल जाती है .
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