Type Here to Get Search Results !
Type Here to Get Search Results !

कोशिका पर आधारित महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान - कोशिका क्या है, कोशिका के प्रकार, कोशिका के अंग (कोशिकांग), कोशिका के भाग |

Telegram GroupJoin Now


"कोशिका का सामान्य परिचय"

koshika gk, koshika kya hai , koshika ke prkar evm koshikang
कोशिका की संरचना 


    कोशिका ( Cell ) | कोशिका की जानकारी

    सजीवों (पादप एवं जंतु) के शरीर की सबसे छोटी संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई कोशिका कहलाती हैं अर्थात अन्य शब्दों में कहा जा सकता है कि मानव शरीर असंख्य सूक्ष्म इकाइयों से मिलकर बना होता है जिन्हें कोशिकाएं कहा जाता है। ये कोशिकाएं शरीर का सूक्ष्मतम रूप होती है, जिसमें सभी प्रकार की क्रियाएं होती है जिन्हें हम सामूहिक रूप से जीवन कहते हैं कोशिकाएं स्वतंत्र रूप से जीवन की क्रियाओं को चलाने की क्षमता रखती है। कोशिकाओं में प्राय स्वतः जनन की क्षमता पाई जाती है। समस्त प्रकार की कोशिकाओं की मूलभूत संरचना एक समान होती है, लेकिन शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं में भिन्नता अवश्य पाई जाती है। कोशिकाएं इतनी सूक्ष्म होती है कि इन्हें हम नंगी आंखों से नहीं देख सकते, इन्हें देखने के लिए हमें सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) की आवश्यकता पड़ती है। कोशिकाओं से उत्तक, उत्तक से अंग, अंग से तंत्र, तंत्र से शरीर का निर्माण होता है अर्थात कोशिका से शरीर बनने का क्रम इस प्रकार है :- 

     कोशिका ⇒ उत्तक ⇒अंग ⇒तंत्र ⇒शरीर

    • एककोशिकीय जीव : कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से मिलकर बने होते है, उन्हें एककोशिकीय जीव कहते है। जैसे - अमीबा। 
    • बहुकोशिकीय जीव : कुछ जीव जिनका शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है, उन्हें बहुकोशिकीय जीव कहते है। जैसे - मनुष्य। 

    कोशिका विज्ञान | कोशिका से सम्बंधित महत्वपूर्ण खोज/प्रश्न 


    • कोशिका की खोज : कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने सन 1665 ईस्वी में की थी। रॉबर्ट हुक ने स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से कॉर्क की एक पतली परत के अध्ययन में उन्होंने मधुमक्खी के छत्ते जैसे कोष्ठ की सरंचना दिखाई दी थी, जिसे बाद में उन्होंने कोशिका कहा। 'कोशिका' का अंग्रेजी शब्द सेल(Cell) लेटिन भाषा के शेलुला (कोशिका) शब्द से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ "एक छोटा कमरा" है। 
    • कोशिका विज्ञान (Cytology) : कोशिकाओं के शरीर के क्रियात्मक गुणों, कोशिकांगों, जीवनचक्र, सरंचना, बाह्य पर्यारण के साथ क्रियाओं, विभाजन एवं मृत्यु का वैज्ञानिक अध्ययन विज्ञान की जिस शाखा के अंतर्गत किया जाता है, उसे ही 'कोशिका विज्ञान (Cytology)' या 'कोशिका जैविकी (Cell Biology)' कहते है। 
    • एंटोनी वॉन ल्यूवेन्हॉक ने सर्वप्रथम 1674 में जीवित कोशिका की खोज की थी। 
    • श्लाइडेन तथा श्वान ने सर्वप्रथम 1839 में 'कोशिका सिद्धांत' प्रतिपादित किया था। 
    • वाट्सन और क्रीक ने 1953 में डीएनए के 'डबल हेलिक्स मॉडल' का प्रतिपादन किया। 
    • सजीव जगत की सबसे बड़ी कोशिका - शुतुरमुर्ग के अंडे की कोशिका (11х7 cm)
    • सजीव जगत की सबसे छोटी कोशिका - माइकोप्लाज्मा। 
    • मानव शरीर में सबसे बड़ी कोशिका - तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन)
    • मानव शरीर में सबसे छोटी कोशिका - शुक्राणु (Sperm)
    • जीवद्रव्य - जीवद्रव्य जीवन का भौतिक आधार कहलाता है। 
    • जीवद्रव्य की खोज - फैलिन्क्स डूजार्डिन ने की थी। 
    • जीवद्रव्य नामकरण - परकिंजे ने किया था। 

    कोशिका के प्रकार | Types of Cells


    कोशिकाएं दो प्रकार की होती है। जिनके नाम निम्न प्रकार है:-

    🔰 प्रोकैरियोटिक कोशिका ( Prokaryotic Cells)

    प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं प्राय: स्वतंत्र होती है, इनमे हिस्टोन प्रोटीन अनुपस्थित होता है। जिसके कारण इनमे क्रोमेटिन नहीं बन पाता। इनमे स्पष्ट केन्द्रक नहीं पाया जाता है। इनमे पाए जाने वाले अल्पविकसित केन्द्रक को केन्द्रकाभ कहते है जो कोशिका द्रव्य में बिखरे होते है। इस प्रकार की कोशिकाएं जीवाणुओं एवं नील हरित शैवालों में पायी जाती है।

    🔰 यूकैरियोटिक कोशिका ( Eukaryotic Cell)

    इस प्रकार की कोशिकाएं बहुकोशीय प्राणियों में पायी जाती है। इन कोशिकाओं में केन्द्रक एवं दोहरी झिल्ली का आवरण पाया जाता है। यूकैरियोटिक कोशिकाओं में हिस्टोन प्रोटीन एवं डीएनए से मिलकर क्रोमेटिन पाया जाता है।  

    प्रोकैरियोटिक कोशिका एवं यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर 


     प्रोकैरियोटिक कोशिका
     यूकैरियोटिक कोशिका
    इसमें माइट्रोकांड्रिया अनुपस्थित होता है। 
    इसमें माइट्रोकांड्रिया   उपस्थित होता है।  
     इसमें  एन्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम अनुपस्थित होता है। 
      इसमें  एन्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम उपस्थित होता है। 
     इनमें 70 's' प्रकार के राइबोसोम पाए जाते है।
    इनमें 80 's' प्रकार के राइबोसोम पाए जाते है। 
     इसमें सेन्ट्रियोल अनुपस्थित होता है। 
    इसमें सेन्ट्रियोल उपस्थित होता है। 
     इसमें कोशिका विभाजन अर्द्धसूत्री प्रकार का होता है। 
    इसमें कोशिका विभाजन अर्द्धसूत्री या समसूत्री प्रकार का होता है।  
     इसमें कोशिका भित्ति प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेट्स की बनी होती है। 
    इसमें कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है।  
    इसमें गोल्जिकाय अनुपस्थित होता है।  
    इसमें गोल्जिकाय उपस्थित होता है।  
     इसमें श्वसन प्लाज्मा झिल्ली द्वारा होता है। 
    इसमें श्वसन  माइट्रोकांड्रिया द्वारा होता है। 
    इसमें केन्द्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है।  
    इसमें केन्द्रक झिल्ली उपस्थित होती है।  
     इसमें लाइसोसोम अनुपस्थित होता है। 
    इसमें लाइसोसोम उपस्थित होता है।  
     इसमें डीएनए एकल सूत्र के रूप में होता है। 
    इसमें डीएनए पूर्ण विकसित एवं दोहरे सूत्र के रूप में होता है।  

    कोशिका की सरंचना ( Cell Structure )

    कोशिका की बनावट अत्यन्त जटिल होती है। कोशिकाओं में अनेक प्रकार की संरचनाएं पायी जाती है , जिन्हें कोशिकांग कहते है।प्राणी एवं वनस्पति की रचना कोशिकाओं से ही हुई है। कोशिकाओं के मध्य भाग को नाभिक कहा जाता है। वनस्पतियों एवं प्राणियों की कोशिकाएं सेलुलोज की बनी होती है। कोशिकाओं में ऊर्जा का मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट्स होता है।

    कोशिका के मुख्य भाग ( Main Parts of a Cell ) | कोशिका के अंग 

    कोशिका के तीन मुख्य अंग होते है - कोशिका झिल्ली, केन्द्रक एवं कोशिका द्रव्य। इनके अलावा कुछ अन्य भाग भी होते है, जिनका विस्तृत विवरण निम्नानुसार है :-
    • कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) : कोशिका के सभी अवयव एक पतली झिल्ली के द्वारा घिरे रहते है, जिसे कोशिका झिल्ली कहते है। यह कोशिका झिल्ली प्रोटीन एवं वसा (फोस्फोलिपिड्स) की बनी होती है, जो सभी कोशिकाओं का बाह्य आवरण होता है। यह अर्द्धपारगम्य झिल्ली (Semipermeable Membrane)  होती है।  जिसका मुख्य कार्य कोशिका के अंदर जाने वाले एवं अंदर से बाहर आने वाले पदार्थों के बीच आणविक गतिविधि को नियंत्रित करना होता है। 
    • कोशिका भित्ति (Cell Wall) : जीवाणु एवं वनस्पति कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली के बाहर निर्जीव, पारगम्य तथा मोटा आवरण पाया जाता है, जिसे कोशिका भित्ति कहते है। कोशिका भित्ति केवल पादप कोशिका एवं जीवाणुओं में पायी जाती है। जंतु कोशिका में इसका अभाव होता है।  जीवाणु में यह स्लाइम परत के नीचे रहती है किन्तु पादप कोशिका में यह कोशिका झिल्ली के बाहर रहती है। पादपों की कोशिका भित्ति सेलुलोज की बनी होती है। कुछ मात्रा में इसमें लिग्निन एवं पेक्टिन भी उपस्थित होता है। यह कोशिका को एक निश्चित आकृति एवं आकार प्रदान करने में सहायक होती है। 
    • केन्द्रक ( Nucleus ) : केन्द्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी। केन्द्रक कोशिका का मस्तिष्क कहलाता है तथा यह कोशिका का सबसे प्रमुख अंग होता है। केन्द्रक का अध्ययन केरियोलॉजी कहलाता है।  केन्द्रक कोशिका के प्रबंधक के समान कार्य करता है। केन्द्रक प्रोटीन एवं डीएनए का बना होता है। केन्द्रक कोशिका की समस्त जैव क्रियाओं का नियमन करता है। केन्द्रक द्रव्य में धागेनुमा पदार्थ जाल के रूप में बिखरा दिखलाई पड़ता है, इसे क्रोमैटिन कहते है। क्रोमैटिन कोशिका विभाजन के समय सिकुड़कर अनेक छोटे एवं मोठे धागे के रूप में संगठित हो जाते है। इन धागों को ही गुणसूत्र कहते है। 

    कोशिका के अन्य मुख्य कोशिकांग एवं उनके कार्य 

    कोशिका के तीन मुख्य अंग होते है - कोशिका झिल्ली, केन्द्रक एवं कोशिका द्रव्य। इनके अलावा कुछ अन्य भाग भी होते है, जिनका विस्तृत विवरण निम्नानुसार है :-
    •  माइट्रोकांड्रिया : माइट्रोकांड्रिया की खोज - अल्टमैन ने की तथा इसका नाम सी. बेंडा ने दिया था। यह कोशिका का श्वसन स्थल है। यह दोहरी दीवारों वाली खोखली थैलेनुमा या फ्लास्कनुमा रचनाएं है। जिसमें दो कक्ष व दो झिल्लियां होती है। इसकी झिल्ली के बाहरी तरफ राइबोसोम लगे होते है।इसमें ऑक्सीश्वसन के फलस्वरूप ग्लूकोज से ATP का निर्माण होता है। माइट्रोकांड्रिया को कोशिका का शक्तिग्रह ( Power House of Cell ) कहते है। ये जीवाणु एवं नील-हरित शैवालों के अलावा पौधों एवं प्राणियों  की सभी कोशिकाओं में पाए जाते है। 
    • राइबोसोम ( Ribosome ) :  सर्वप्रथम 1953 ई. में रॉबिन्सन एवं ब्राउन ने इन्हें पादप कोशिकाओं में देखा तथा 1955 में पैलाडे ने जंतु कोशिका में इन्हें देखा। 1958 में रॉबर्ट ने इसका नामकरण राइबोसोम किया था। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण के लिए उपर्युक्त स्थान प्रदान करती है अर्थात यह कोशिका  में प्रोटीन का संश्लेषण करता है इसलिए इसे प्रोटीन की फैक्ट्री ( Factory of  Protein )/प्रोटीन का कारखाना/कोशिका के इंजन कहते है। यह राइबोन्यूक्लिक अम्ल एवं प्रोटीन की बनी होती है। राइबोसोम के बंधक के लिए मैग्नीशियम आवश्यक होता है। 
    • लाइसोसोम ( Lysosome ) : लाइसोसोम की खोज डी-दवे ने की थी। लाइसोसोम  प्रमुख कार्य बाहरी पदार्थों का भक्षण एवं पाचन करना होता है। इसमें 24 प्रकार के एंजाइम पाए जाते है। लाइसोसोम को आत्मघाती थैली ( Suicide Vesicle )/पाचक थैलियाँ/कोशिका का पाचन केंद्र  भी कहते है। 
    • तारककाय : इसकी खोज बोबेरी ने की तथा सेंट्रोसोम नाम बेन्डेन ने दिया। इसमें एक या दो सेन्ट्रियोल पाए जाते है। यह केवल जंतु कोशिकाओं में पाया जाता है। ये कोशिका विभाजन में सहायक होता है। 
    • गोल्जिकाय : इसकी खोज कैमिलो गोल्जी ने की थी। इसे कोशिका के अणुओं का यातायात प्रबंधक भी कहा जाता है। ये कोशिकांग, कोशिका के मुख्य "स्रावी अंग" होते है। पादपों में ये छोटे-2 टुकड़ों के रूप में पाए जाते है , जिन्हे डिक्टियोसोम कहते है। 
    • लवक (Plastid) : लवक केवल पादप कोशिका में पाए जाते है। ये दोहरी झिल्ली से घिरे होते है। ये तीन प्रकार के होते है - हरित लवक, वर्णी लवक तथा अवर्णी लवक।
    • केन्द्रिका : केन्द्रक के अंदर एक जीनोम के साथ एक केन्द्रिका होती है।  इसका कार्य -   r-RNA का संश्लेषण व राइबोसोम का निर्माण करना होता है। 
    • केन्द्रक जाल : केन्द्रक द्रव्य में सूक्ष्म धागों का जाल पाया जाता है, जिसे "क्रोमेटिन धागे" कहते है। ये आनुवांशिक पदार्थ कहते है। क्रोमेटिन = प्रोटीन+RNA+DNA 

    कोशिका से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न | Most Important Science GK in Hindi

    • कोशिका नाम किस जीव वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम दिया था - रॉबर्ट हुक ने ( 1665 में )
    • कोशिका में राइबोसोम की अनुपस्थिति में कौनसा कार्य सम्पादित नहीं होगा - प्रोटीन संश्लेषण का कार्य सम्पादित नहीं होगा।  
    • कोशिका का ऊर्जा गृह/शक्ति गृह किसे कहा  जाता है - माइट्रोकांड्रिया को। 
    • कौनसी रचना जंतु कोशिका को वनस्पति कोशिका से विभेदित करती है - सेन्ट्रियोल। 
    • कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण कहाँ होता है - राइबोसोम में। 
    • पादप कोशिकाओं का सबसे बाहरी आवरण क्या कहलाता है - कोशिका भित्ति। 
    • गुणसूत्र शब्द सर्वप्रथम किसने प्रयोग किया था - वॉल्डेयर ने। 
    • गुणसूत्र सर्वाधिक स्पष्ट - मेटाफेज में दिखते है। 
    • केरियोटाइपिंग - गुणसूत्रों को उनकी लम्बाई के घटते क्रम में व्यवस्थित करना ही केरियोटाइपिंग कहलाता है। 

    आज के इस पोस्ट में हमने 'कोशिका' से सम्बंधित जितने भी प्रश्न बन सकते थे जैसे कि - कोशिका किसे कहते है , कोशिका क्या है, कोशिका के प्रकार, कोशिका के प्रमुख भाग, कोशिका के प्रमुख अंग, प्रोकैरियोटिक कोशिका एवं यूकेरियोटिक कोशिका में अंतर, कोशिका भित्ति, कोशिका झिल्ली, केन्द्रक, केन्द्रिका, लवक, सेंट्रोसोम, लाइसोसोम, राइबोसोम, गोल्जिकाय आदि को इस सिंगल पोस्ट में शामिल कर आपके सामने प्रस्तुत किया गया है। मैं उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी यह पोस्ट अच्छी लगी होगी।  आप सभी पाठकों को मेरी यह पोस्ट कैसी लगी आप मुझे Comment करके जरूर बताएं। 
    Tag: Koshika, Koshika Kya Hai, Koshika in Hindi, Koshika Vibhajan, Koshika Vigyan, Koshika ki Sanrachna, Koshika Jhilli, Koshika Bhitti, Koshika ki Khoj Kisne Ki, Koshika GK in Hindi, Koshika Kise Kahte hai, Padap Koshika, Jantu Koshika, Koshika ke Prakar, Koshika ka Nirman, Koshika Figure, Cell Walls, Cell Division, Stem Cell, Cell Biology, Cell Membrane, Cell Structure, White Blood Cell, Cell Parts. 
    Telegram GroupJoin Now


    Top Post Ad

    Below Post Ad