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भरतपुर जिले की सम्पूर्ण जानकारी | Bharatpur District GK in Hindi | भरतपुर जिला Rajasthan GK in Hindi

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राजस्थान जिला दर्शन : 'भरतपुर जिला दर्शन'

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Bharatpur GK : 'Bharatpur Jila Darshan'


राजस्थान का प्रवेश द्वार व पूर्वी द्वार उपनाम से प्रसिद्ध भरतपुर शहर को जाट महाराजा सूरजमल ने सन 1733 में बसाया था। भरतपुर राजस्थान की पहली जाट रियासत थी जिसकी स्थापना जाट सरदार चूड़ामण ने औरंगजेब की मृत्यु के बाद के समय में थून में दुर्ग बनाकर की थी।



    भरतपुर जिले के उपनाम | भरतपुर के उपनाम/प्राचीन नाम


    • राजस्थान का पूर्वी सिंह द्वार
    • राजस्थान का प्रवेश द्वार/पूर्वी द्वार
    • पक्षियों का स्वर्ग स्थल

    भरतपुर का सामान्य परिचय | Bharatpur Ki Jankari Hindi Me


    • भरतपुर का क्षेत्रफल : 5066 वर्ग किलोमीटर .
    • भरतपुर जिले को राजस्थान के 4 जिले - अलवर, दौसा, करौली, धौलपुर स्पर्श करते है। 
    • भरतपुर जिले की सीमा उत्तर में हरियाणा से लगती है। 
    • पूर्व में उत्तर प्रदेश से लगती है। 
    • दक्षिण में धौलपुर व करौली से लगती है। 
    • पश्चिम में दोसा, करौली व अलवर जिलों से लगती है। 
    • 4 जून, 2005 को भरतपुर राजस्थान राज्य का नवीनतम सातवां संभाग बना तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल राज्य का दूसरा जिला है। 

    भरतपुर जिले की मानचित्र के अनुसार स्थिति | Bharatpur Ki Sthiti Evm Vistar

    🔰 अक्षांश स्थिति : 26 डिग्री 22 मिनट उत्तरी अक्षांश से 27 डिग्री 50 मिनट उत्तरी अक्षांश तक। 
    🔰 देशांतरीय स्थिति : 76 डिग्री 53 मिनट पूर्वी देशांतर से 78 डिग्री 11 मिनट पूर्वी देशांतर तक। 

    भरतपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र | Bharatpur Me Vidhansabha क्षेत्र 

    • नगर 
    • डीग-कुम्हेर 
    • कामां  
    • भरतपुर 
    • वैर 
    • बयाना
    • नदबई

    2011 की जनगणना के अनुसार भरतपुर जिले की जनसंख्या/घनत्व/लिंगानुपात/साक्षरता के आंकड़े

    • भरतपुर की कुल जनसंख्या : 2548462 
    • भरतपुर का लिंगानुपात : 880 
    • भरतपुर में जनसँख्या घनत्व : 503 
    • भरतपुर की साक्षरता दर 70.1 प्रतिशत 
    • भरतपुर की पुरुष साक्षरता 84.1 प्रतिशत 
    • भरतपुर की महिला साक्षरता 54.2% 
    • भरतपुर में पशु घनत्व : 251

    भरतपुर जिले के प्रमुख मेले और त्योहार | Bharatpur Ke Mele


     मेला 
    स्थान  
    दिन  
     गंगा दशहरा मेला 
    कामां  
    ज्येष्ठ शुक्ल 7 से 12 तक  
    जवाहर प्रदर्शनी व बृज यात्रा मेला  
    डीग  
    मार्गशीर्ष कृष्णा 12 से शुक्ल 5 तक  
    बसंती पशु मेला  
    रूपवास  
    माघ कृष्णा 15 से सुदी 8 तक  
     बजरंग पशु मेला 
    उच्चैन 
    आषाढ़ कृष्णा 2 से  8  तक  
     गरुड़ मेला 
    बंशी पहाड़पुर  
    कार्तिक शुक्ल 3  
     भोजन बारी/भोजन थाली परिक्रमा 
    कामां  
    भाद्रपद शुक्ल 5  
     जसवंत पशु मेला 
    भरतपुर  
    मार्गशीर्ष शुक्ल 5 से 15  तक  
     बृज महोत्स्व 
     भरतपुर/डीग  
    फरवरी  

    भरतपुर के प्रमुख मंदिर | भरतपुर के शीर्ष मंदिर

    🔰 उषा मंदिर (बयाना)

    कन्नौज के महाराजा महिपाल की रानी चित्रलेखा ने भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध की पत्नी के नाम पर सन 956 में बयाना में उषा मंदिर का निर्माण करवाया था। जिसे बाद में आक्रमणकारियों (मुस्लिम) ने तुड़वाकर उषा मस्जिद का रूप दे दिया। 

    🔰 गंगा मंदिर 

    गंगा मंदिर का निर्माण कार्य भरतपुर रियासत के शासक महाराजा बलवंत सिंह ने 1846 में प्रारंभ करवाया था।  इस मंदिर को बनाने में बंसी पहाड़पुर के लाल पत्थरों का प्रयोग किया गया है। 2 मंजिले गंगा मंदिर की इमारत 84 खंभों पर टिकी हुई है। इसके सामने का हिस्सा मुगल शैली पर तथा पीछे का हिस्सा बौद्ध शैली में निर्मित प्रतीत होता है इसके बाद में महाराजा बलवंत सिंह के वंशज महाराज बृजेंद्र सिंह ने इस इमारत में 12 फरवरी, 1937 को गंगा की सुंदर मूर्ति प्रतिष्ठित करवाई। इस गंगा मंदिर में गंगा मैया के वाहन मगरमच्छ की विशाल मूर्ति भी विराजमान है। 

    🔰 लक्ष्मण मंदिर 

    इस मंदिर का निर्माण महाराजा बलदेव सिंह ने प्रारंभ करवाया था तथा इसको महाराजा बलवंत सिंह ने पूरा किया था। यह मंदिर भरतपुर शहर के लगभग बीचोंबीच स्थित है। 

    🔰 जामा मस्जिद 

    जामा मस्जिद का निर्माण कार्य महाराजा बलवंत सिंह ने प्रारंभ करवाया था।  यह मस्जिद लाल पत्थर की बनी हुई है यह मस्जिद कौमी एकता की दूसरी यादगार इमारत मानी जाती है। इस जामा मस्जिद का प्रवेश द्वार फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजे के नक्शे पर बनाया गया है। 

    भरतपुर के दर्शनीय स्थल | भरतपुर के पर्यटन स्थल

    🔰 केवलादेव घना पक्षी अभयारण्य 

    इस अभयारण्य का निर्माण किशन सिंह ने स्विजरलैंड की झीलों के आधार पर करवाया था। यह अभयारण्य भारत के प्रमुख पर्यटक परिपथ  "सुनहरा त्रिकोण" (दिल्ली, आगरा, जयपुर) एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 पर 'राजस्थान के प्रवेश द्वार' भरतपुर में बाणगंगा एवं गंभीरी नदियों के संगम पर स्थित है। इस अभयारण्य को 1956 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया।  26 अगस्त 1981 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया ( राजस्थान का दूसरा व सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान) | इस अभयारण्य को 1985 में यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया गया। यह अभयारण्य एशिया की सबसे बड़ी पक्षियों की प्रजनन स्थली है, इसलिए इसे 'पक्षियों का स्वर्ग' (पक्षी अभ्यारण) भी कहते हैं। यह अभ्यारण्य विश्व के शीर्ष 10 अभयारण्य में शामिल है। यहां पर हाल ही में राज्य की प्रथम वन्यजीव प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। यहां पर लाल गर्दन वाले दुर्लभ तोते एवं साइबेरियन सारस पाए जाते हैं इस अभयारण्य में ऐंचा घास में फंसकर सर्वाधिक पक्षी मरते हैं। इस अभयारण्य के लगभग मध्य में शिव (केवलादेव) का मंदिर स्थित है इसलिए इसको केवलादेव अभयारण्य के नाम से जाना जाने लगा

    🔰 बंध बरेठा वन्यजीव अभयारण्य 

    इस अभयारण्य को 'परिंदों का घर' भी कहा जाता है। यह अभ्यारण्य जरखों  के लिए प्रसिद्ध है। 

    🔰 लोहागढ़ दुर्ग

    इस दुर्ग का निर्माण सन 1733 में सूरजमल जाट (जाटों का प्लेटो/जाटों का अफलातून आदि उपनाम से प्रसिद्ध) ने करवाया था। "आठ फिरंगी नौ गोरा लड़े जाट का दो छोरा""हट जा गोरा पाछ न" (यह दो छोरा दुर्जनलाल और माधोसिंह थे) आदि कहावतें इस दुर्ग के लिए प्रसिद्ध है। इस दुर्ग में जवाहर बुर्जफतेह बुर्ज बनाए हुए हैं। जवाहर बुर्ज दिल्ली विजय के उपलक्ष में व फतेह बुर्ज 1806 में अंग्रेजों पर विजय के उपलक्ष में बनवाए गए। इस दुर्ग में अष्ट धातु के किवाड़ लगे हुए हैं इस दुर्ग में राजेश्वरी माता (भरतपुर वंश की कुलदेवी) का मंदिर  व बिहारी मंदिर स्थित है। यह दुर्ग राजस्थान का एकमात्र ऐसा दुर्ग है जिस पर अंग्रेज जनरल लार्ड लैक  ने 5 बार चढ़ाई की किंतु असफल रहा। 

    🔖 लोहागढ़ दुर्ग के उपनाम

    • भरतपुर दुर्ग
    • लोहागढ़ दुर्ग
    • मिट्टी का किला
    • अभेद्य दुर्ग
    • अजयगढ़ दुर्ग
    • पूर्वी सीमांत का प्रहरी किला

    🔰 बयाना दुर्ग 

    मानी (दमदमा) पहाड़ी पर लगभग 1040 ईस्वी में निर्मित इस दुर्ग  का निर्माण यादव राजवंश के महाराजा विजयपाल ने करवाया था। इस दुर्ग में भीम लाट बनी हुई है, जो लाल पत्थरों से निर्मित है।  इसे विष्णु वर्धन ने बनवाया था। यहां पर लोदी मीनार भी स्थित है जिसे इब्राहिम लोदी ने बनवाया था। बयाना को कब्रगाहों का शहर भी कहते हैं। इसी बयाना दुर्ग में महाराजा सूरजमल का राज्याभिषेक भी हुआ था। इस दुर्ग में अकबर की छतरी स्थित है। 

    🔖बयाना दुर्ग के प्रमुख उपनाम 

    • बाणासुर का किला 
    • विजयगढ़ दुर्ग 
    • बादशाह दुर्ग 
    • श्रीपंथ दुर्ग  
    • श्रीपुर दुर्ग 

    🔰 डीग का किला 

    इस किले का निर्माण महाराजा बदन सिंह ने 1730 में करवाया था। डीग को 'जलमहलों की नगरी' भी कहा जाता है। डीग के जलमहल फव्वारों के लिए विख्यात है। 

    🔰 वैर का किला 

    इस किले का निर्माण भी महाराजा बदन सिंह ने करवाया था। इसके चारों तरफ प्रताप नहर है। 

    🔰 त्रिभुवनगढ़/तवनगढ़  दुर्ग 

    इसका निर्माण बयाना में त्रिभुवनपाल ने करवाया था। इस दुर्ग में ननंद-भोजाई का कुआं है। 

    🔰 डीग

    "जल महलों की नगरी" उपनाम से प्रसिद्ध डीग शहर भरतपुर की प्राचीन राजधानी रहा है। यह कस्बा जल महलों के लिए प्रसिद्ध है। जिनमें से प्रमुख जल महल निम्न है - गोपाल भवन, सूरज भवन, किशन भवन, केशव भवन, हरिदेव भवन, नंद भवन तथा सावनभादो। इसके अधिकांश जलमहल महाराजा सूरजमल एवं जवाहरसिंह द्वारा बंसी पहाड़पुर के बादामी रंग के बलुई पत्थर से निर्मित करवाए गए  है। 

    🔰 बयाना 

    श्रीपंथ के उपनाम से प्रसिद्ध बयाना शहर की ख्याति उनके पास स्थित अनगिनत कब्रगाह के कारण रही है। इसलिए इसे कब्रगाहों का शहर भी कहते हैं। पुराणों में बयाना नगर को शोणितपुर कहा गया। 

    🔰 खानवा का मैदान (भरतपुर में)

    भरतपुर की रूपवास तहसील में गंभीर नदी के तट पर स्थित खानवा भरतपुर से लगभग 32 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। इस खानवा के मैदान में 17 मार्च 1527 को बाबर एवं मेवाड़ के महाराणा सांगा के मध्य खानवा का युद्ध लड़ा गया था। जिसमें बाबर की विजय हुआ था और इसके साथ ही भारत में मुगल साम्राज्य स्थाई रूप से स्थापित हो गया। खानवा में बलराम रेवती तथा चक्रधर दो भुजा वाले विष्णु की विशाल मूर्तियां भी विराजमान है। 

    🔰 वैर  

    इसकी स्थापना प्रतापसिंह ने 1726 में की थी। यह बाग-बगीचा का कस्बा कहलाता है। यहां पर प्रमुख रूप से दर्शनीय स्थल - फुलवारी महल, प्रताप फुलवारी, ऊँटाला का किला, वैर का किला, नौलखा बाग आदि स्थल स्थित है।  इसे भरतपुर जिले की लघु काशी भी कहते  हैं। 

    🔰 रूपवास 

    यहां पर अकबर के मृगया महल प्रमुख रूप से दर्शनीय स्थल है इसके निकट खानवा युद्ध स्थल स्थित है।  

    🔰 भरतपुर के अन्य दर्शनीय स्थल

    • सीकरी बांध - इस बांध से भरतपुर में रूपारेल नदी से आने वाली बाढ़ से होने वाली तबाही से बचाव किया जाता है। 
    • नगला जहाज - इस गांव में ग्वालो के रक्षक व पालनहार लोकदेवता  देव बाबा का मंदिर स्थित है। 
    • कामां - प्राचीनकाल में ब्रह्मपुर के नाम से प्रसिद्ध कामां में पुष्टि मार्गीय वल्लभ  की दो पीठ स्थापित है। जिनमे प्रथम - गोकुल चंद्रजी एवं द्वितीय - मदन मोहन जी का प्रसिद्ध मंदिर है। 

    भरतपुर की प्रमुख नदियां | Bharatpur River GK in Hindi

    🔰रूपारेल नदी 

    इस नदी का उद्गम अलवर जिले के थानागाजी में उदय नाथ की पहाड़ी से होता है तथा यह भरतपुर में सीकरी बांध तक आते-आते विलुप्त हो जाती है।  इस नदी को लसवारी नदी तथा स्थानीय भाषा में वराह नदी भी कहते हैं। रूपारेल नदी को भरतपुर की जीवन रेखा भी कहते हैं। 

    🔰बाणगंगा नदी 

    अर्जुन की गंगा व ताला नदी उपनाम से प्रसिद्ध बाणगंगा नदी जयपुर की बैराठ की पहाड़ियों से निकलती है। इस नदी पर भरतपुर में अजान बांध बना हुआ है। यह नदी राजस्थान की दूसरी नदी है जो अपना जल सीधा यमुना नदी में डालती है। इस नदी पर दोसा में माधव सागर बांध परियोजना स्थित है। 

     भरतपुर के अति महत्वपूर्ण प्रश्न/तथ्य | Bharatpur GK in Hindi

    • भरतपुर के राजाओं का राज्याभिषेक समारोह जवाहर बुर्ज (लोहागढ़ दुर्ग में स्थित ) में होता था। 
    • ब्रज महोत्स्व - फरवरी माह में भरतपुर में आयोजित होता है। 
    • डीग महोत्सव - कृष्ण जन्माष्टमी को भरतपुर में आयोजित होता है। 
    • भरतपुर में गुलाबी संगमरमर पाया जाता है।  
    • राज्य की प्रथम सहकारी बैंक 1904 ईस्वी में डीग (भरतपुर) में स्थापित। 
    • राज्य में जैव उर्वरक का प्रथम सहकारी कारखाना भरतपुर में स्थित है। 
    • राष्ट्रीय सरसों अनुसन्धान केंद्र  सेवर (भरतपुर) में स्थापित है। भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद द्वारा 20 अक्टूबर, 1993 में इसकी स्थापना की गयी। 
    • मोती झील - रूपारेल नदी के जल को रोककर इसका निर्माण किया गया। इसे भरतपुर की लाइफ लाइन/जीवन रेखा भी कहते है।  इस झील से नील हरित शैवाल N-2 से युक्त खाद प्राप्त होती है। 
    • लालदासी सम्प्रदाय की प्रधान पीठ नगला (भरतपुर) में स्थित है। 
    • मुर्रा नस्ल की भैंसों का  केंद्र, कुम्हेर (भरतपुर) में स्थित है। 
    • राज्य में सौर ऊर्जा चलित मिल्क चिलिंग प्लांट भरतपुर में है। 
    • सांसी जनजाति सर्वाधिक भरतपुर में पायी जाती है। 
    • भरतपुर के बांध -  सीकरी बांध, शाही बांध, अजान बांध, बंध बरेठा बांध (जहाजनुमा बनावट )इत्यादि। 
    •  सिमको वैगन फैक्ट्री - इसमें रेल के डिब्बे बनते है।  यहां पर हाल ही में कई वर्षों बाद उत्पादन शुरू हुआ है। इसकी स्थापना 13 जनवरी, 1957 में की गयी। 
    • होली के अवसर पर बम नृत्य अलवर व भरतपुर किया जाता है। 
    आज की इस पोस्ट में हमने "राजस्थान के जिला दर्शन' की श्रृंखला में "भरतपुर जिला दर्शन" को पूरी तरह से कवर करने की कोशिश की है।  साथ ही हर संभव भरतपुर पर जितने भी प्रश्न बन सकते  थे,को शामिल किया गया है। इसमें भरतपुर का सामान्य परिचय, भरतपुर के उपनाम, 2011 की जनगणना के अनुसार भरतपुर की जनसँख्या/घनत्व/लिंगानुपात, भरतपुर का क्षेत्रफल, भरतपुर की मानचित्र में स्थिति, भरतपुर के विधानसभा  क्षेत्र,भरतपुर के प्रमुख मेले, भरतपुर के प्रमुख मंदिर, भरतपुर के पर्यटन स्थल, भरतपुर की नदियां एवं बांध एवं इसके अलावा भी जितने भी मोस्ट इम्पोर्टेन्ट प्रश्न बन सकते थे, उन सभी को शामिल कर पेश किया गया है। उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी यह पोस्ट अच्छी लगी होंगी। आपको यह पोस्ट कैसी लगी आप मुझे Comment करके जरूर बताये। 
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